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Business Idea: 20 हजार की नौकरी से अच्छा है, ये बिजनेस शुरू करके महीने के कमाएं 70 हजार रुपए

Business Idea: आज के समय में कई लोग नौकरी से ज्यादा बिजनेस करने की सोचते हैं। वजह साफ है—नौकरी में आमदनी सीमित होती है जबकि बिजनेस में मेहनत और योजना से कमाई कई गुना बढ़ सकती है। खासकर छोटे बिजनेस जिनकी मांग लगातार रहती है।

वो बेहतर विकल्प साबित होते हैं। ऐसा ही एक बिजनेस है दोना पत्तल बनाने का काम। इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है और छोटे स्तर पर शुरू करके भी अच्छी कमाई की जा सकती है।

क्यों है दोना पत्तल की डिमांड

शादी, पार्टी, धार्मिक आयोजन या फिर छोटे-छोटे खानपान के ठेले—हर जगह दोना और पत्तल का इस्तेमाल होता है। खासकर ग्रामीण इलाकों और कस्बों में इसका उपयोग सबसे ज्यादा है। यह पर्यावरण के अनुकूल भी है क्योंकि यह बायोडिग्रेडेबल होता है। यही वजह है कि सरकार भी ऐसे प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देती है और प्लास्टिक की जगह इन्हें अपनाने की सलाह देती है।

कैसे शुरू करें यह बिजनेस

दोना पत्तल का बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे पहले मशीन की जरूरत होती है। बाजार में इसकी मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों मशीनें उपलब्ध हैं। मैनुअल मशीन की कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक होती है, जबकि ऑटोमैटिक मशीन 60 से 70 हजार रुपये तक आती है। कच्चे माल के रूप में सुपारी के पत्ते, साल के पत्ते या फिर तैयार रोल मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं।

कितना लगेगा खर्च

अगर कोई छोटा बिजनेस शुरू करना चाहता है तो 50 से 60 हजार रुपये में यह काम आसानी से शुरू हो सकता है। मशीन, कच्चा माल और किराए की जगह मिलाकर यह लागत निकल जाती है। मशीन एक बार खरीदने के बाद लंबे समय तक चलती है और उसका मेंटेनेंस भी कम होता है।

कितनी होगी कमाई

दोना पत्तल की थोक कीमत 25 से 35 रुपये प्रति 100 पीस तक होती है। एक मशीन से दिनभर में हजारों पीस आसानी से बनाए जा सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति इस बिजनेस को नियमित तरीके से चलाता है तो महीने में 60 से 70 हजार रुपये तक की कमाई संभव है। खास बात यह है कि जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा और ग्राहक जुड़ेंगे, मुनाफा भी बढ़ता जाएगा।

किन लोगों के लिए सही है यह बिजनेस

यह बिजनेस उन लोगों के लिए बेहतर है जो कम पूंजी से अपना काम शुरू करना चाहते हैं और जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं। गांव और कस्बों में रहने वाले लोग आसानी से स्थानीय बाजार में अपनी सप्लाई शुरू कर सकते हैं। शहरों में भी होटल, ढाबा और कैटरिंग सर्विस में इसकी मांग लगातार बनी रहती है।

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